सांची में दुनिया का सबसे बड़ा स्तूप, जानिए इसका इतिहास
सांची में दुनिया का सबसे बड़ा स्तूप, जानिए इसका इतिहास
सांची भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित है, जो कि रायसेन जिले में आता है।
सांची भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित है, जो कि रायसेन जिले में आता है।
यूनेस्को ने साल 1989 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया है।
सांची के स्तूप का व्यास 36.5 मीटर और ऊंचाई 21.64 मीटर है।
सांची के स्तूप का व्यास 36.5 मीटर और ऊंचाई 21.64 मीटर है।
इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में करवाया था।
इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में करवाया था।
सम्राट अशोक ने इसे बौद्ध अध्ययन और शिक्षा केंद्र के तौर पर बनवाया था।
सम्राट अशोक ने इसे बौद्ध अध्ययन और शिक्षा केंद्र के तौर पर बनवाया था।
स्तूप के चारों ओर सुंदर तोरण द्वार बने हुए हैं, जिन पर कलाकृति बनी है।
स्तूप के चारों ओर सुंदर तोरण द्वार बने हुए हैं, जिन पर कलाकृति बनी है।
सांची स्तूप इसलिए खास है क्योंकि इसे देश की सबसे पुरानी शैल रचना माना जाता है।
सांची स्तूप इसलिए खास है क्योंकि इसे देश की सबसे पुरानी शैल रचना माना जाता है।
सम्राट अशोक की पत्नी का संबंध सांची से था,इसलिए ये स्तूप यहां पर बनवाया गया।
सम्राट अशोक की पत्नी का संबंध सांची से था,इसलिए ये स्तूप यहां पर बनवाया गया।
इसकी खोज 1818 में जनरल टेलर द्वारा की गई थी।
इसकी खोज 1818 में जनरल टेलर द्वारा की गई थी।
1912 से 1919 के बीच में सांची स्तूप में मरम्मत का काम करवाया गया।
1912 से 1919 के बीच में सांची स्तूप में मरम्मत का काम करवाया गया।
सर जॉन मार्शल ने यहां संग्रहालय का निर्माण करवाया।
सर जॉन मार्शल ने यहां संग्रहालय का निर्माण करवाया।