Trilochan Mahadev
यह मंदिर वाराणसी लखनऊ राजमार्ग पर त्रिलोचन इलाके में स्थित है।
कहा जाता है कि भस्मासुर को भस्म करने पर भगवान शिव का नाम त्रिलोचन पड़ा।
हालांकि मंदिर में स्थापित शिवलिंग को लेकर काफी रोचक घटना बताई जाती है।
यह मंदिर जौनपुर जिले के रेहटी और लहंगपुर आदि दो गांव के बॉर्डर पर स्थित है।
ऐसा बताया जाता है कि दोनों गांव के लोगों के बीच मंदिर को लेकर विवाद हुआ था।
विवाद के बीच पंचायत जुटाई गई और पंचों ने कहा कि महादेव खुद निर्णय लेंगे।
अगले दिन मुख्य गेट खोलने पर शिवलिंग रेहटी गांव की तरफ झुका पाया गया।
पंचों और ग्रामीणों ने हर हर महादेव का नारा लगाते हुए निर्णय को स्वीकार किया।
महाशिवरात्रि पर्व जौनपुर के अलावा आसपास से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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