Sankat Mochan Mandir

जहां हनुमान जी तुलसीदास जी को दिए थे दर्शन

संकट मोचन मंदिर का निर्माण सन 1631 1680 के बीच गोस्वामी तुलसीदास के ने करवाया था।

ऐसा बताया जाता है कि काशी प्रवास के दौरान तुलसीदास जी एक सूखे पेड़ को जल चढ़ाते थे।

उसी पेड़ में एक दिन एक भूत निकलकर पूछा कि आप श्रीराम और हनुमान से मिलना चाहते हैं?

उसने बताया कि कल घंटा में स्थित राम मंदिर में एक कुष्ठ रोगी भिखारी बैठा होगा, वही हनुमान हैं।

उसकी बातों पर विश्वास कर तुलसीदास मंदिर के समीप गए तो वह कुष्ठ रोगी वहां से निकल पड़ा।

तुलसीदास जी उस कुष्ठ रोगी का पीछा करते हुए आगे बढ़ते रहे और आनंद कानन वन में पहुंच गए।

आगे जंगली इलाका होने के चलते तुलसीदास कुष्ठ रोगी का पैर पकड़ लिए और बोले कि आप ही हनुमान हैं।

फिर प्रभु हनुमान ने उनको वहीं पर दर्शन दिया और तुलसीदास के आग्रह पर वहीं स्थापित हो गए।