गोरखपुर शहर में स्थित महादेव झारखंडी शिव भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

मुख्य पुजारी शंभु गिरी के मुताबिक, प्राचीन समय में यह क्षेत्र जंंगल से अच्छादित था।

लकड़हारे जंगल से लकड़ी काटकर ले जाते थे।

1928 में एक दिन एक लकड़हारा यहां पर पेड़ काट रहा था, तभी उसकी कुल्हाड़ी एक पत्थर से टकराई

कुल्हाड़ी के पत्थर से टकराने के बाद खून की धारा बहने लगी ।

यहां वृक्ष से शेषनाग की आकृति निकली है जो आकर्षण का केंद्र है।

यह लोगों के आस्था का प्रमुख केंद्र है।

हर बार असफल रहा शिवलिंग के ऊपर छत डालने का प्रयास

ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग की पूजा भगवान बुद्ध की पत्नी यशोधरा भी यहां पूजा करती थी।

यहां नंदी की विशाल मूर्ति है।