मिस्र के पास था लाशों को'सुरक्षित रखने का फॉर्मूला,  सीक्रेट केमिकल का खुलासा

मिस्र की सभ्यता को लेकर आज भी पूरी दुनिया आश्चर्य चकित है। उनकी लाशों को सुरक्षित रखने की विधि लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य रही है। 

लेकिन अब वैज्ञानिकों ने मिस्र में शवों को सुरक्षित रखने के लिए जिन केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता था। उनका पता लगा लिया है। 

एक ममीकरण कार्यशाला में दर्जनों बीकर और कटोरे मिले हैं। इससे पता चला कि मिस्र के लोग अपनों के शव को ममी में कैसे बदलते थे। 

 2016 में काहिरा के दक्षिण में सक्कारा नेक्रोपोलिस में 13 मीटर कुएं में ये बर्तन मिले थे। ये बर्तन 664-525 ईसा पूर्व के हैं।

रिसर्च से पता चला है कि, इसमें इस्तेमाल होने वाली कई सामग्री को तब दक्षिण पूर्व एशिया से आयात किया गया था।

इन बर्तनों के अंदर शोधकर्ताओं को एशिया के पेड़ों की राल, लेबनान से देवदार का तेल और मृत सागर से कोलतार का पता चला है। 

इन बर्तनों में मिलने वाले पदार्थों में एंटीफंगल, एंटी-बैक्टीरियल गुण थे, जो मानव ऊतकों को संरक्षित करते थे। इनमें खुशबू होती थी। जिससे गंध नहीं आती है।

प्राचीन मिस्र के लोग इन्ही सभी पदार्थों को मिलाकर लाशों पर एक खास तरह का लेप लगाते थे। जो उन्हें सैकड़ों साल सुरक्षित रखती थीं।

प्राचीन मिस्र के लोग इन्ही सभी पदार्थों को मिलाकर लाशों पर एक खास तरह का लेप लगाते थे। जो उन्हें सैकड़ों साल सुरक्षित रखती थीं।

इसके बाद पुजारी शरीर को धो कर उसमें कई तरह के लेप लगाते थे, ताकि शरीर को सड़े नहीं और लंब समय तक सुरक्षित रहे।