बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का धाम है। 

पौराणिक कथा के अनुसार माता लक्ष्मी ने एक बेर (बदरी) के वृक्ष का रूप लिया। 

भगवान विष्णु तपस्या में लीन थे। तब माता ने हिमपात से बचाने के लिए वृक्ष का रूप लिया। 

माता लक्ष्मी के इस तप को देखकर भगवान ने अपने साथ लक्ष्मी के पूजने की बात कही। 

मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में नारायण पर्वत पर अलकनंदा नदी के किनारे है।  

मंदिर तीन भागों में विभाजित है, गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामण्डप।

 आदी गुरु शंकराचार्य ने नारद कुंड से भगवान बदरीनाथ की मूर्ति प्राप्त की थी।

बदरीनाथ की मूर्ति काले पत्थर शालीग्राम से बनी हुई है।