स्ट्रांग बीयर क्यों होती हैं ‘स्ट्रांग? यदि आप भी पीते हैं शराब, तो यह सच जानना बेहद जरुरी हैं।

चाहे कोई भी मौसम हो, शराब पीने के शौक़ीन उसमें ढलकर ‘मौसम’ को भी अपना बना लेते हैं।

वाइन, व्हिस्की, ब्रांडी, वोदका, जिन जैसी कई वैरायटी में लोग शराब पीते हैं। इस बीच ‘बीयर’ पीने का मजा अलग ही है।

शराब कंपनियां ‘बीयर’ भी कई वैरायटी में बनाती हैं। हर बीयर का डिफ्रेंट स्टाइल हैं। जैसे लाइट, मीडियम और स्ट्रांग।

कंपनियों की भाषा में बीयर के एले, लागर, माल्ट, स्टाउट प्रकार हैं। अभी हम आपको स्ट्रांग बीयर के बारे में बता रहे हैं।

गर्मी के सीजन में बीयर की डिमांड दो से तीन गुना बढ़ जाती हैं। बार हो या फिर बीयर शॉप स्ट्रांग बीयर ज्यादा पसंद की जाती है।

सामान्य तौर पर बीयर को माल्टेड जौ या माल्टेड मक्का से बनाया जाता है, जिसमें पानी मेन कंपोनेंट होता है।

बीयर की वैरायटी उसमें शामिल अल्कोहल की मात्रा पर निर्भर करती हैं। इसी पर लाइट, मीडियम और स्ट्रांग बीयर डिपेंड रहती हैं।

4-5% अल्कोहल वाली बीयर लाइट, 5-7% अल्कोहल वाली मीडियम और 7-8% अल्कोहल मिक्स बीयर स्ट्रांग कहलाती है।

स्ट्रांग बीयर ‘स्ट्रांग’ इसलिए होती है क्योकि उसमें अल्कोहल की मात्रा सबसे अधिक रहती हैं। इसको पीने से नशा तेज होता हैं।

One India Hindi किसी भी तरीके से शराब या अल्कोहल को प्रमोट नहीं करता है। 

डिस्क्लेमर

शराब का सेवन किसी भी रूप में हानिकारक हो सकता है। यह स्टोरी सिर्फ जानकारी के लिहाज से दी गई हैं।

डिस्क्लेमर

आखिर चिल्ड बीयर ही क्यों...?