टर्निंग विकेट और रैंक टर्नर में क्या है फर्क? कंगारूओं को लग रहा है डर!

IND vs AUS

ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत के बेंगलुरु में तैयारी कर रही है जबकि पहला टेस्ट नागपुर में होना है।

Photo Credit- Louis Cameron Twitter

इसकी वजह है कंगारूओं को रैंक टर्नर के खिलाफ सताने वाला डर! कैसी होती हैं ऐसी पिचें?

 रैंक टर्नर टेस्ट के पहले दिन से ही स्पिनर की मदद करना शुरू कर देती हैं जो बाद में और बढ़ जाती है

  रैंक टर्नर पर स्पिनर खतरनाक टर्न और बाउंस निकाल सकते हैं और वे आम तौर पर धूल भरी होती हैं।

 रैंक टर्नर एक बेहद टर्निंग विकेट ही होता है लेकिन एक टर्निंग विकेट हमेशा रैंक टर्नर नहीं हो सकता।

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 नॉटिंघम, सबीना पार्क, बर्मिंघम, ऑकलैंड जैसी पिचें भी खेल ढलने पर टर्निंग विकेट बन जाती हैं।

 इन पिचों पर सांप की तरह गेंद नहीं लहराती पर उपमहाद्वीप के देशों में रैंक टर्नर एक आम नजारा है।

ऑस्ट्रेलिया की टीम इस बार बेहद चौकस है। वे स्पिन के लिए घर से ही तैयारियां करके चले हैं।

पहला टेस्ट नागपुर में है जहां अश्विन बहुत सफल रहे हैं। दूसरा मैच दिल्ली में है जहां चौथी पारी मुश्किल है।

तीसरा मैच धर्मशाला में हैं जहां 2017 में दोनों देशों के स्पिनरों को थोक में विकेट हासिल हुए थे।

अंतिम मुकाबला नरेंद्र मोदी स्टेडियम में है जो एक और स्लो पिच है जहां धीमे गेंदबाजों को मदद मिलती है