Chaitra Navratri

चूहों वाली करणी माता देशनोक की कहानी 

चैत्र नवरात्रि 2023  आज से शुरू हो गया।

घर-घट स्‍थापना कर माता की पूजा की जा रही है।

नवरात्रि के मौके पर जानिए करणी माता देशनोक की कहानी। 

इन्‍हें चूहों वाली माता के नाम भी करण जाता है।

करणी माता का मंदिर राजस्‍थान के बीकानेर जिले के देशनाक में है। 

करणी माता मंदिर में करीब 25 हजार चूहे हैं। 

माता का चमत्‍कार है कि इतने चूहों में कभी बीमारी नहीं फैली। 

करणी  माता मंदिर में चूहों का विभिन्‍न तरह के पकवान को भोग लगता है। 

बाद में जूठे भोग को श्रद्धालुओं में बांट दिया  जाता है।

यहां इतनी बड़ी संख्‍या में चूहे कैसे हैं? यह रहस्‍य है।

देशनोक की करणी माता को मां दुर्गा का साक्षात अवतार माना जाता है।

 1387 ईसवीं में माता करणी का जन्म रिघुबाई के नाम से एक शाही परिवार में हुआ था।

विवाह के बाद उनका सांसारिक मोह माया से लगाव टूट गया था। 

वे एक तपस्वी का जीवन  जीने लगीं।

आस पास के गांवों में उनकी धार्मिक और चमत्कारी शक्तियों की ख्याती फैल गई। 

मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। 

करणी माता मंदिर का मुख्य द्वार ठोस चांदी से बना हुआ है।

दूसरी कहानी ये भी है कि एक बार 25 हजार से अधिक सैनिकों की फौज किसी युद्ध से भागकर देशनोक आ गई। 

माता ने दंड स्वपरूप सैनिकों को चूहा बना दिया।

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