रियल 'टाइगर मैन'

'कैलाश सांखला' को देश में 'टाइगर मैन' कहा जाता है। उन्होंने 1973 में  'टाइगर प्रोजेक्ट' तैयार किया था। 

कैलाश सांखला का जन्म 30 जनवरी 1925 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। उनकी मृत्यु 15 अगस्त 1994 को हुई थी। 

भारत सरकार ने 'कैलाश सांखला' के प्रोजेक्ट की सफलता के बाद उन्हें भारत का 'टाइगर मैन' की उपाधि से सम्मानित किया था। 

कैलाश सांखला ने 'टाइगर लैंड', 'टाइगर रिटर्न' और 'रिटर्न आफ द टाइगर' तीन पुस्तकें लिखी थीं, जिन्हें देश—दुनिया में सराहा गया। 

कैलाश सांखला के टाइगर प्रोजेक्ट से प्रोरित होकर सरकार ने बाघ को 'राष्ट्रीय पशु' का दर्जा दिया। 

सांखला भारतीय प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी थे। वे दिल्ली जूलॉजिकल पार्क के निदेशक, राजस्थान के चीफ वन्यजीव वार्डन थे। 

कैलाश सांखला ने 1989 में बाघ संरक्षण के प्रति अपनी वचनबद्धता के लिए 'टाइगर ट्रस्ट' की स्थापना की थी।

1992 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने कैलाश सांखला फैलोशिप पुरस्कार की स्थापना की है।

 कैलाश सांखला देश में  जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप पुरस्कार पाने पहले पहले सिविल सेवक थे।

सांखला ने सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर, बनवीर और रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान जैसे वन्यजीव अभ्यारण्य, वन विभाग में कार्य किया।