सारंगनाथ मंदिर

वाराणसी का सारनाथ जहां भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था।

सारंग नाथ महादेव मंदिर का इतिहास काशी के अन्य मंदिरों से काफी अलग है।

यहां एक अरघे में 2 शिवलिंग हैं, जो सारंग ऋषि व शंकराचार्य द्वारा स्थापित हैं।

सारंग जी माता पार्वती के भाई थे और भगवान शिव से बदला लेने काशी आए थे।

पश्चाताप होने पर यहीं तपस्या करने लगे तब मां पार्वती और भोलेनाथ ने उन्‍हें दर्शन दिया।

सारंग ऋषि को भोलेनाथ साथ ले जाना चाहते थे लेकिन वे यहीं पर रुक गए।

उसके बाद भगवान शिव ने उन्हें वचन दिया कि श्रावण मास में यहीं निवास करेंगे।

इसीलिए श्रावण में यहां मेला लगता है और लाखों श्रद्धालु दर्शन करते हैं।

मंदिर के सामने शिव कुंड है जिसमें स्नान कर भक्तगण बाबा का जलाभिषेक करते हैं।

इस मंदिर में शादियां भी कराई जाती हैं। हर साल दर्जनों शादियां संपन्न होती हैं।