बिहार में बड़े पैमाने पर टर्की के गोश्त की डिमांड हो रही है।

बिहार में भी तिल उत्पादन!

"गया का तिलकुट" के लिए मशहूर बिहार में अब तिल की खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें शुरू की गई हैं।

Team Presents

चिकन और मटन की बजाए अब लोग टर्की का गोश्त खाना पसंद कर रहे हैं।

बिहार में भी तिल उत्पादन!

"गया का तिलकुट" के लिए मशहूर बिहार में अब तिल की खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें शुरू की गई हैं।

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सेहत के ऐतबार से भी टर्की मीट लोगों के लिए फायदेमंद है।

टर्की मीट में मटन के मुकाबले 50 फीसद तक कम फैट होता है।

हृदय रोगी के लिए टर्की मीट बहुत ही फायदेमंद है।

टर्की मीट और अंडा दोनों ही दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं।

मीट विक्रेताओं ने बताया कि टर्की को साबुत बेचा जाता है

8 किलोग्राम टर्की को करीब 500 हज़ार रुपये में बेचते हैं।

1 टर्की के बेचने पर करीब 1 हज़ार रुपये का मुनाफा होता है।

बिहार में सफेद प्रजाति की टर्की को बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है।